उत्सव धर्म
रविवार, 10 अप्रैल 2011
यही है उत्सव धर्म
अपने हर दिन को अपना आखरी दिन समझने वाले अपने हर दिन को उत्सव की तरह जीते हैं .यही है उत्सवधर्म. आप स्वः घोषणा से इस धर्मं को स्वीकार कर सकते हैं.
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